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बौद्ध धर्म का इतिहास

बौद्ध धर्म का इतिहास bodhy dharm ka itihas 

दोस्तों इस लेख में हमने आपके लिए बोध्य धर्म से सम्बंधित जानकारी को इस लेख में लेकर आ रहा हु , इस लेख में हम आपके लिए बौद्ध धर्म का इतिहास bodhy dharm ka itihas से सम्बंधित जानकारी को देखेंगे जिससे अगर किसी भी परीक्षा में अगर बोध्य धर्म से कोई प्रश्न आये तो आप आसानी से उन तथ्यों का अध्यन करके आप समझा सकते है 


बौद्ध धर्म का इतिहास


बोध्य धर्म का परिचय


भारत में हम यूं कह सकते हैं कि भारत एक ऐसा देश है जहां पर सभी प्रकार के धर्म को यह सभी प्रकार के धर्म को मानने के लिए सबको एक समान अधिकार प्राप्त है आप किसी भी धर्म को अपना सकते हैं मान सकते हैं उसमें कोई रॉक तो नहीं है इसलिए भारत को धर्म प्राणायान देश कहा गया है।

यहां पर अनेक पंत और संप्रदाय के लोग रहते हैं हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई बौद्ध जेन पारसी सभी प्रकार के लोग यहां पर निवास करते हैं


बौद्ध धर्म का विस्तार


बौद्ध धर्म का प्रसार भी भारत में प्राचीन काल से ही रहा है भारत में बौद्ध धर्म की जानकारी को देखें तो तीसरी शताब्दी में सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को अपनाया था और बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए उन्होंने कई योजनाएं और समाज में कई सुधार कार्य किए थे इसके बाद भी कई शासक रहे जिन्होंने बौद्ध धर्म को संरक्षण दिया और उसको बढ़ाने का प्रयास किया भारत में ऐसे कई स्थान है जैसे बोधगया बिहार सांची मध्य प्रदेश जहां पर बौद्ध धर्म के बड़े-बड़े स्तूप देखने को मिलते हैं


बौद्ध धर्म की स्थापना 


बौद्ध धर्म भारत का एक प्राचीन धर्म माना जाता है इसकी शुरुआत महात्मा बुद्ध ने 2600 साल पहले की थी यह दक्षिण और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों का महत्वपूर्ण धर्म माना जाता है या धर्म लगभग 563 ईसवी पूर्व में शुरू हुआ था जो सिद्धार्थ गौतम की शिक्षाओं जीवन के अनुभवों पर आधारित है 

बोध्य धर्म का उद्गम 

भगवान बुद्ध का असली नाम सिद्धार्थ गौतम था 623 ईसा पूर्व से 543 इस पर्व को बुद्ध का जीवनकाल माना जाता है बुद्ध ने अपने अनुयायियों को सांसारिक सुखों में दो चरम सख्त संयम और तपस्या के अभ्यास को सिखाया है महात्मा बुद्ध के वचनों में अष्टांग मार्ग के बारे में बताया गया


  • जातक कथा में बुद्ध के पूर्व जनन की कहानियों के बारे में बताया गया है। 


  • हीनयान का प्रमुख ग्रंथ कथावस्तु है इसमें महात्मा बुद्ध का जीवन चरित्र अनेक कथा लोगों के साथ वर्णित है। 


  • बौद्ध धर्म के अनुयाई किसी सर्वोच्च ईश्वर या देवता को स्वीकार नहीं करते हैं 


  • बौद्ध लोग अक्सर ध्यान करते हैं और यही उनकी मान्यता है 


  • बौद्ध धर्म में चार आर्य सत्य के बारे में बताया गया है 


  • बौद्ध धर्म के लोग पूर्व जन्म के बारे में मानते हैं 


  • बौद्ध धर्म के अनुयाई मंदिरों में या अपने घरों में पूजा करते हैं 


  • तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य भारतीय सम्राट अशोक महान ने बौद्ध धर्म को भारत का राजकीय धर्म घोषित किया बौद्ध मठों का निर्माण किया और मिशनरी कार्य को प्रोत्साहित किया गया


बोध्य धर्म के तीर्थ स्थल 

1;- लुम्बनी - भगवान् बुध का जन्म 

2;- बोधगया - बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी 

3- सारनाथ - बुद्ध ने दिव्यज्ञान देना प्रारंभ किया 

4;- कुशीनगर ;- जहा बुद्ध का महाप्रिनिर्माण हुआ 

5;- नेचुआ ;- जजालपुर , गोपांचल बिहार 

6;- राजगृह , नालंदा बिहार 

बोद्ध धर्म के स्थल 

1;- चैतन्य भूमि , मुंबई 

2;- दीक्षाभूमि , नागपुर 

3;- महाबोधि विहार 

4;- कुशीनगर 

5;- सारनाथ 

6;- साँची का स्तूप 

7;- स्टेचू आफ इक्केलीटी 

8;- केसरिया स्तूप 

9;- पाटलिपुत्र 

10;-कोशाम्बी 

11;- नालंदा 

12;- रत्नागिरी उडिसा 

13;- एलोरा गुफा 

14;- कन्हेरा गुफा 

15;- अजन्ता की गुफा 

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दोस्तों इस लेख में हमने आपके लिए बोध्य धर्म से सम्बंधित जानकारी को इस लेख में रखा है जिससे के आपको यह लेख प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगा . आप इस लेख में बौद्ध धर्म का इतिहास bodhy dharm ka itihas बौद्ध धर्म का विस्तार बौद्ध धर्म की स्थापना बोध्य धर्म का उद्गम बोध्य धर्म के तीर्थ स्थल बोद्ध धर्म के स्थल से संबधित जानकारी को इस लेख में देखेंगे

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