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दक्षिण भारत का पठार

दक्षिण भारत का पठार - दक्कन का पठार UPSC dakshin bharat ka pathaar 

हेलो दोस्तों इस लेख में हमने आपको दक्षिण भारत के पठार से सम्बंधित जानकारी को इस लेख में रखा है जससे यह लेख आपको सभी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए यह लेख बहुत महत्वपूर्ण है दक्षिण भारत का पठार - दक्कन का पठार UPSC dakshin bharat ka pathaar इस लेख में आपको  देखने को मिलेगा .


दक्षिण भारत का पठार


दक्षिण भारत का पठार - Dakshin ka pathaar 


दक्षिण का पठार भारत का ही नहीं यह विश्व का प्राचीनतम और बड़ा पठार माना जाता है या आर्यन युग की चट्टानों से बना हुआ पठार माना जाता है तथा इसका कोई भी भाग समुद्र के नीचे नहीं डूबा हुआ है 


  • दक्कन का पठार एक विशाल प्रायद्वीप पठार है 
  • यह भारत का विशालतम पठार है 
  • इस पठार में मुख्यता सतपुड़ा , महादेव , तथा मैकाल पर्वत , निलगिरी पर्वत के बिच में है 
  • इसकी ओसत उचाई 300 से 900 मीटर तक है 
  • दक्कन का पठार मुख्यता गंगा नदी के मैदानी भाग दक्षिण में है 
  • यह अरव सागर और बंगाल की खाड़ी के बिच में है


यह शांत क्षेत्र होने के कारण यहां भूकंप की संभावना कम होती है लेकिन यहा पर भूकंप को जाँच करने के उपकरण लगाये गए है जहां दक्षिण के पठार की उत्तरी सीमा अरावली पर्वत के राजमहल तथा शिलांग की पहाड़ियां बनती है वहीं दक्षिणी छोर कन्याकुमारी में स्थित है दक्षिण भारत के पर्वतों को हम निम्न अनुसार देख सकते हैं। 


अरावली पर्वत।


अरावली पर्वत एक अवशिष्ट पर्वत है जो विश्व के प्राचीनतम पर्वतों में से एक है यह पर्वत गुजरात से दिल्ली तक फैला हुआ है अरावली पर्वत की सर्वोच्च शिखर गुरु शिखर है जो आबू पर्वत पर स्थित है यहीं पर जेन धर्म का प्रसिद्ध धर्म स्थल दिलवाड़ा का जैन मंदिर भी बना हुआ है। 



पश्चिमी घाट 


पश्चिम घाट हिमालय के बाद भारत की दूसरी सबसे ऊंची पर्वत श्रेणी है जिसका विस्तार ताप्ती नदी घाटी से नीलगिरी पहाड़ी तक फैला हुआ है इसे सहयाद्रियां के नाम से भी जाना जाता है पश्चिमी घाट दक्षिण के पठार के पश्चिम में स्थित है जो अपशिष्ट पर्वत के रूप में है तथा बीच-बीच में टूटा फूटा हुआ यह पर्वत श्रृंखला है। 


अफ्रीका से भारत के अलग होने के क्रम में अरब सागर के रूप में भ्रंश घाटी का निर्माण हुआ और फ्रांस कगार के रूप में पश्चिमी घाट रह गया पश्चिमी घाट का पश्चिमी ढाल अधिक तीव्र है इसके दक्षिण में नीलगिरी की पहाड़ियां है जिसे पूर्वी तथा पश्चिमी घाट का मिलन स्थल भी कहा जाता है। 


दक्षिण भारत का सर्वोच्च शिखर अनामुदी जो अन्नामलाई पर्वत पर की चोटी है। 

पश्चिमी घाट पर्वत में कुछ ढालो का विकास हुआ है जिसमें थल घाट वह भोर घाट महाराष्ट्र में है थालघाट नासिक को मुंबई से तथा भोर घाट पुणे को मुंबई से जोड़ता है एक अन्य दर्रा पालघाट केरल राज्य में स्थित है जो दक्षिण भारत के दो प्रमुख शहर कोच्चि व चेन्नई को जोड़ता है। 


पूर्वी घाट


पूर्वी घाट का विस्तार उड़ीसा से प्रारंभ होकर तमिलनाडु तक फैला हुआ है यह प्राचीन मोडदार पर्वत का अपशिष्ट रूप है पश्चिमी घाट की तुलना में इसका अपरदन अधिक होने से यह पश्चिमी घाट से कम ऊंचा है नदी अपरदन के कारण इसको क्रमबद्धता भी लगभग समाप्त हो चुकी है 


गोदावरी व कृष्ण जैसी नदियों ने इसे काटकर कही छोर घाटियों का विकास किया है पूर्वी घाट का सर्वोच्च शिखर विशाखापट्टनम चोटी है। 






दक्षिण भारत का पठार की जानकारी


  • यह एक प्रायद्वीपीय पठार माना जाता है
  • यह पठार त्रिभुजाकार है
  • इस पठार की उत्तर सीमा सतपुड़ा और विन्ध्याचल है
  • पूर्व और पश्चिम की सीमा पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट बनाती है
  • यह पठार भारत के 8 राज्यों में फैला हुआ है
  • यह भारत भू खण्ड का सबसे विशाल भाग है
  • इसमें मुख्यता तिन पठार - महाराष्ट्र का पठार , आंध्रप्रदेश का पठार , कर्णाटक का पठार
  • दक्कन का पठार आग्नेय चट्टानों से बना है

दक्कन के पठार की पहाडिया


  • दक्कन के पठार के पूर्वी सीमा पर विन्ध्याचल पर्वत
  • महादेव पहाड़िया
  • तैमुर की पहाड़ी
  • मैकाल की पहाडिया



दोस्तों इस लेख में हमने आपके लिए दक्कन के पठार से सम्बंधित जानकारी को आपके सामने रखा आहे जो परीक्षा की द्रष्ट्री से बहुत ही महत्वपूर्ण है आप इस के माध्यम से आसानी से परीक्षा तैयारी कर सकते है दक्षिण भारत का पठार - दक्कन का पठार UPSC dakshin bharat ka pathaar अरावली पर्वत पश्चिमी घाट दक्षिण भारत का पठार की जानकारी दक्कन के पठार की पहाडिया से सम्बंधित जानकारी को इस लेख में देखेंगे

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